
आरबीआई ने फरवरी 2025 से लगातार तीसरी समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला किया है। कम मुद्रास्फीति और मजबूत आर्थिक विकास आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती करने में मदद कर सकता है। पिछले तीन महीनों से मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रही है। आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति कम रहने की संभावना को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
होम लोन लेने वालों को क्या करना चाहिए?
अगर 20 साल के लिए 50 लाख रुपये के लोन पर ब्याज दर 9% से घटाकर 8.5% कर दी जाए, तो आप 3.83 लाख रुपये बचा सकते हैं। पुराने घर के उधारकर्ताओं के लिए यह एक बड़ी राहत होगी, जिनकी ब्याज दरें पिछले 3 सालों में तेजी से बढ़ी हैं। अगर आप गिरती ब्याज दरों का अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको अपने लोन को EBLR ब्याज दर प्रणाली में बदल देना चाहिए। अपने बैंक से संपर्क करके पता करें कि आपका लोन BPLR या MCLR जैसी किसी अन्य प्रणाली पर है या नहीं। अगर ऐसा है, तो आपको EBLR में स्विच करने के लिए आवेदन करना चाहिए।
🔹 EBLR क्या है?
EBLR आपके लोन पर ब्याज दर है जो बाहरी दर से जुड़ी होती है – जैसे RBI रेपो दर।
जब वह दर बढ़ती या घटती है, तो आपके लोन का ब्याज भी बदल जाता है।
🏦 इसे क्यों पेश किया गया?
लोन ब्याज को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए
ग्राहकों के लिए उचित
RBI द्वारा नीतिगत दरों में बदलाव करने पर तेज़ी से बदलाव
🧮 उदाहरण:
RBI रेपो दर: 6.50%
बैंक का मार्जिन: 2.00%
आपकी लोन दर = 6.50 + 2.00 = 8.50%
अगर RBI रेपो को घटाकर 6.00% कर देता है, तो आपकी ब्याज दर 8.00% हो जाती है।
आपको तुरंत लाभ होता है।
✅ EBLR के लाभ: स्पष्ट और ट्रैक करने में आसान
RBI द्वारा दरों में कटौती करने पर कम ब्याज
पुरानी प्रणालियों (जैसे MCLR या बेस रेट) की तुलना में दरों में तेज़ी से बदलाव
🔁 Loan Rate Systems in India – Comparison Table
Feature | EBLR (External Benchmark) | MCLR (Marginal Cost Lending Rate) | Base Rate |
---|---|---|---|
Linked to | RBI Repo Rate / T-Bill / FBIL rate | Bank’s internal cost of funds | Bank’s internal cost (fixed) |
Transparency | ✅ Very Transparent | ⚠️ Less Transparent | ❌ Least Transparent |
Who controls rate? | RBI / External Benchmark | Bank | Bank |
Rate changes when? | Whenever RBI changes benchmark | Usually every 3 or 6 months | Very slow, rarely changes |
Speed of rate change | ✅ Fast | ⚠️ Medium | ❌ Very Slow |
Customer benefit? | ✅ Immediate when RBI cuts rates | ⚠️ Delayed | ❌ Often missed |
In use since | 2019 | 2016 | 2010 |
Loan types | Home, personal, MSME (new loans) | Home, auto, business (earlier loans) | Older loans |
🏁 Summary:
- EBLR = Best for new loans; quick to reflect RBI policy.
- MCLR = Better than base rate but slower than EBLR.
- Base Rate = Outdated; usually higher and less flexible.