
लखनऊ/कैसरगंज।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर तल्खी देखने को मिली जब कैसरगंज के पूर्व सांसद और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने नगीना से नव निर्वाचित सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पर सीधे निशाना साधा। मामला गंभीर है, आरोप हैं एक दलित युवती के—और इस पर बृजभूषण ने कहा, “इस मुद्दे पर एफआईआर तुरंत दर्ज होनी चाहिए। ये दलित बेटी का सवाल है, कोई सियासी नौटंकी नहीं।”
बृजभूषण ने याद दिलाया कि जनवरी 2023 में जब खुद उनके खिलाफ आरोप लगे थे, तब चंद्रशेखर ने कैमरे के सामने कहा था कि “अगर समाज इजाज़त दे तो मैं उन्हें घसीटकर ले आऊंगा।” अब वही बृजभूषण तंज कसते हुए पूछते हैं, “तो भाईसाहब, अब आपका वो जाटों वाला जोश कहां गया? अब जब दलित की बेटी ने आवाज उठाई है, तो आपका न्याय प्रेम छुट्टी पर क्यों चला गया?”
बृजभूषण ने यह भी जोड़ा कि, “मैं तो न्यायपालिका का सामना कर रहा हूं, कैमरे पर कहा था कि अगर एक भी आरोप साबित हो गया, तो खुद फांसी पर लटक जाऊंगा। अब चंद्रशेखर जवाब दें—क्या वह इस दलित बेटी के सवाल पर खुलकर सामने आएंगे?”
इतना ही नहीं, बृजभूषण ने विपक्षी दलों पर भी सवालों की बौछार कर दी। उन्होंने कहा, “अब कहां है कांग्रेस की नारी सुरक्षा ब्रिगेड? आम आदमी पार्टी की ईमानदारी? किसान नेता, जो हर मुद्दे पर मुंह फुलाकर बैठ जाते हैं, इस मामले में क्यों खामोश हैं? ममता दीदी और गहलोत साहब—क्या अब संवेदनशीलता की मीटर बंद हो गई?”
और अंत में उन्होंने चुटकी ली, “जब मामला हमारे खिलाफ था तो हर कोई सड़क पर था, टीवी स्टूडियो में बैठा था। अब जबकि मामला किसी और पर है, तो सबको सांप सूंघ गया है?”
राजनीतिक गलियारों में इस बयान ने भूचाल ला दिया है। अब देखना यह है कि चंद्रशेखर आज़ाद और बाकी ‘न्यायप्रिय’ नेता इस पर क्या जवाब देते हैं या फिर ‘दलित बेटी की आवाज’ सियासी शोरशराबे में गुम हो जाएगी।