
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से आई हालिया खबर ने एक बार फिर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगभग 20 से अधिक नकाबपोश बदमाशों ने खुलेआम गोलियों की बौछार कर न केवल दहशत फैलाई, बल्कि यह भी दिखा दिया कि अपराधियों को कानून का कोई भय नहीं है।

जिस तरह से इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वह न केवल स्थानीय प्रशासन की विफलता को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि अपराधी अब कैमरों से भी नहीं डरते।

इस गोलीबारी में संजय त्यागी नाम के व्यक्ति को गोली लगी, जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
यह घटना केवल एक आपराधिक वारदात नहीं है — यह समाज में फैली उस अराजकता की झलक है, जहां अपराधियों को संगठित होकर खुलेआम हथियार चलाने की हिम्मत होती है। यह सवाल उठता है कि जब इतने बड़े समूह में हथियारबंद लोग एक साथ गोलियां चला सकते हैं, तो पुलिस की गश्त, इंटेलिजेंस और सख्ती कहाँ थी?

क्या सहारनपुर जैसे शहरों में अब सुरक्षा केवल कागजों पर रह गई है?
अब आपके विचार?
यह घटना केवल सहारनपुर तक सीमित नहीं है — यह पूरे समाज और व्यवस्था के लिए चेतावनी है।
नीचे दिए गए पोल में हिस्सा लें:
🔘 इस तरह की घटनाओं के लिए सबसे ज़्यादा जिम्मेदार कौन है?
- पुलिस प्रशासन की लापरवाही
- राजनीतिक संरक्षण
- अपराधियों का नेटवर्क
- जनता की चुप्पी
🔘 क्या आप अपने क्षेत्र में पुलिस गश्त और निगरानी से संतुष्ट हैं?
- हाँ
- नहीं
- कभी-कभी
🔘 क्या आपको लगता है कि वायरल वीडियो के आधार पर तुरंत एक्शन होना चाहिए?
- बिल्कुल
- केवल तभी जब जांच हो जाए
- वीडियो विश्वसनीय नहीं होते
अपील:
अगर आप अपने क्षेत्र को सुरक्षित देखना चाहते हैं, तो केवल डरने से नहीं, आवाज़ उठाने से बदलाव आएगा। अपराध पर चुप्पी भी एक प्रकार की सहमति है। सतर्क रहें, सजग रहें और ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने से पीछे न हटें।
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