
लखनऊ/देवरिया — उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले से एक सनसनीखेज़ मामला सामने आया है, जहां बकरीद के अवसर पर एक 60 वर्षीय बुज़ुर्ग ने कथित रूप से खुद का गला रेतकर जान दे दी। पुलिस इसे धार्मिक भावना से जुड़ी आत्मबलि के रूप में देख रही है, हालांकि जांच अभी जारी है।

मृतक की पहचान इश मोहम्मद के रूप में हुई है। वह शनिवार को अपने घर के पास स्थित एक झोपड़ी में लहूलुहान हालत में मिले थे। परिजनों ने उन्हें तुरंत देवरिया मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां से उन्हें गंभीर स्थिति में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
“मैं अपनी कुर्बानी दे रहा हूं…” — नोट में लिखा संदेश
मौके से पुलिस को एक हस्तलिखित सुसाइड नोट भी मिला है, जिसे मृतक ने अपने परिवार को संबोधित करते हुए लिखा था। उसमें लिखा है:
“एक आदमी बकरे को अपने बच्चे की तरह पालता है और फिर अल्लाह के लिए उसकी कुर्बानी देता है। मैं अपनी कुर्बानी अल्लाह और उसके रसूल के नाम पर दे रहा हूं।”
फॉरेंसिक जांच में ‘स्व-प्रेरित’ घावों की पुष्टि
उत्तर क्षेत्र के अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अरविंद कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि प्राथमिक फॉरेंसिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि घाव खुद के द्वारा दिए गए प्रतीत होते हैं, यानी मामला आत्महत्या का हो सकता है। हालांकि पुलिस इसे लेकर सभी कोणों से जांच कर रही है।
यह घटना यूपी-112 हेल्पलाइन के जरिए पुलिस तक पहुंची, जिसके बाद स्थानीय थाने की टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू की। पोस्टमार्टम और पंचनामा की प्रक्रिया चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि सुसाइड नोट की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है और मानसिक स्थिति, धार्मिक प्रभाव, पारिवारिक पृष्ठभूमि समेत हर पहलू को देखा जा रहा है।
धार्मिक पर्व पर आत्मबलिदान की यह घटना क्यों चिंताजनक है?
बकरीद (ईद-उल-अजहा) इस्लामिक परंपरा में पशु की प्रतीकात्मक कुर्बानी का पर्व है, जहां मानव बलिदान का कोई स्थान नहीं है। ऐसे में इस तरह की घटना ने धार्मिक जागरूकता और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां मानसिक परामर्श की सुविधा बेहद सीमित है।
पुलिस प्रशासन ने जनता से अफवाह न फैलाने और संयम बरतने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि मामला संवेदनशील है और जांच पूरी होने से पहले किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी।