
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को बरेली जिला अस्पताल का अचानक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल की बहुत सारी खामियां सामने आईं।
इमरजेंसी वार्ड में गंदगी और अव्यवस्था:
- इमरजेंसी वार्ड में एक घायल युवक 12 घंटे से भर्ती था, लेकिन उसके शरीर से खून तक नहीं साफ किया गया था।
- मरीजों के बेड पर तकिए तक नहीं थे, और चारों तरफ गंदगी फैली हुई थी।
- ये सब देखकर डिप्टी सीएम बहुत गुस्से में आ गए और मौके पर ही सीएमएस (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) को बुलाकर फटकार लगाई।
- सफाई करने वाली एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी दिए।
घायल युवक की हालत पर नाराजगी:
- ब्रजेश पाठक ने गुरुवार रात सड़क हादसे में घायल हुए सत्यपाल नाम के युवक से मुलाकात की।
- सत्यपाल के चेहरे, हाथ-पैर पर खून लगा हुआ था, और उसके कपड़े भी नहीं बदले गए थे।
- डिप्टी सीएम ने डॉक्टर को बुलाकर उसकी इलाज फाइल देखी, और तुरंत सफाई और कपड़े बदलवाने के निर्देश दिए, ताकि उसे संक्रमण से बचाया जा सके।
अन्य कमियां भी सामने आईं:
- अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम पर धूल जमी हुई थी और फर्श की टाइल्स टूटी हुई थीं।
- ब्लड बैंक में गंदगी छुपाने के लिए सफेद चादर डाली गई थी, जिसे डिप्टी सीएम ने हटवा कर गंदगी दिखवाई।
- आरओ (पानी शुद्धिकरण मशीन) खराब थी, जिसके बारे में पूछने पर सीएमएस कोई जवाब नहीं दे सकीं।
- डिप्टी सीएम ने डॉक्टरों और स्टाफ को चेतावनी दी कि वे सुधार लाएं, नहीं तो कार्रवाई होगी।
अस्पताल में अफरातफरी का माहौल:
- डिप्टी सीएम के आने से पहले पुलिस तैनात हो गई थी और मरीजों की एंट्री रोक दी गई थी।
- मरीजों को स्ट्रेचर नहीं मिल पाया, कुछ को गोद में उठाकर लाना पड़ा, और कुछ रिक्शे में अस्पताल पहुंचे।
खाली पदों पर भर्ती के आदेश:
- डिप्टी सीएम ने डॉक्टरों के खाली पदों को जल्दी भरने के लिए वॉक-इन इंटरव्यू से भर्ती करने के निर्देश दिए।
- खासतौर पर एक हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) की तुरंत नियुक्ति करने को कहा।
इस दौरान उनके साथ वन मंत्री अरुण कुमार, मेयर उमेश गौतम, विधायक संजीव अग्रवाल, जिलाधिकारी अविनाश सिंह और सीएमओ विश्राम सिंह भी मौजूद थे।