August 30, 2025
war, soldiers, parachutes, paratroopers, warrior, military, army, firearms, explosion, fire, weapons, warfare, war, war, war, war, war, army, army

इज़राइल और गाज़ा संघर्ष: इतिहास, कारण और परिणाम

इज़राइल और गाज़ा (फिलिस्तीन) के बीच चल रहा संघर्ष विश्व का सबसे पुराना और जटिल विवादों में से एक है। यह संघर्ष केवल दो समुदायों के बीच सीमाओं का मुद्दा नहीं, बल्कि इसमें धर्म, पहचान, राजनीति और भू-रणनीति के कई गहरे पहलू जुड़े हुए हैं। आइए इस संघर्ष की शुरुआत, उसके कारण और इसके परिणामों को विस्तार से समझते हैं।

इतिहास की झलक

यह कहानी 20वीं सदी की शुरुआत से शुरू होती है, जब फिलिस्तीन नामक क्षेत्र में यहूदी और अरब दोनों समुदायों ने अपनी-अपनी जड़ें मजबूत कीं। 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने इस इलाके को दो हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव रखा — एक यहूदी राज्य (इज़राइल) और दूसरा अरब राज्य (फिलिस्तीन)। जबकि यहूदी पक्ष ने इसे स्वीकार किया, अरब देशों और फिलिस्तीनियों ने इसका विरोध किया। 1948 में इज़राइल के गठन के बाद तत्कालीन अरब देशों ने इस नए देश पर हमला कर दिया। युद्ध के परिणामस्वरूप लाखों फिलिस्तीनी विस्थापित हुए, जिसे फिलिस्तीनी ‘नक़बा’ (विपत्ति) के नाम से याद करते हैं।

गाज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक फिलिस्तीन के उन हिस्सों में से हैं जो आज भी विवादित हैं। गाज़ा पहले मिस्र के नियंत्रण में था लेकिन 1967 के युद्ध में इज़राइल ने इसे कब्जा लिया। 2005 में इज़राइल ने गाज़ा से सैनिक हटा लिए, पर सीमाओं, समुद्र और हवाई मार्ग से उसका नियंत्रण जारी रखा। 2007 में हमास ने गाज़ा की सत्ता अपने हाथ में ले ली, जिससे इज़राइल और हमास के बीच टकराव और बढ़ गया।

लड़ाई के कारण

सबसे बड़ा कारण है – हमास और इज़राइल के बीच आपसी नापसंदगी। हमास, जिसे कई देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है, इज़राइल के अस्तित्व को मान्यता नहीं देता और उसे खत्म करने की बात करता है। वहीं इज़राइल, अपनी सुरक्षा और जनता की रक्षा के लिए हमास को दबाने की कोशिश करता है।

इज़राइल ने 2007 से गाज़ा पर नाकेबंदी लगाई हुई है, जिससे वहां की जनता को रोजमर्रा की जरूरतों की कमी झेलनी पड़ती है। यह नाकेबंदी और हमास के रॉकेट हमले एक दूसरे को जवाब देने का कारण बनते हैं। धार्मिक स्थलों और यरूशलेम को लेकर भी तनाव गहरा है, जहां दोनों पक्षों के भावनात्मक जुड़ाव हैं।

वर्तमान स्थिति और परिणाम

7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इज़राइल पर बड़े पैमाने पर हमला किया, जिसमें करीब 1,200 लोगों की मौत हुई। इसके जवाब में इज़राइल ने गाज़ा पर भीषण बमबारी की, जिससे अब तक लगभग 59,000 लोग मारे जा चुके हैं। इस संघर्ष में सबसे अधिक नुकसान आम गाज़ा के नागरिकों को हुआ है, जो भुखमरी, बीमारी और विस्थापन का सामना कर रहे हैं।

इससे इज़राइल के नागरिकों की भी सुरक्षा प्रभावित हुई है। युद्ध के चलते दोनों तरफ हजारों की जान गई है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। मध्य पूर्व की यह लड़ाई वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डाल रही है।

समाधान की राह

इस संघर्ष का स्थायी समाधान बेहद कठिन है, लेकिन नामुमकिन नहीं। दो राष्ट्र समाधान, जिसमें इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों के लिए अलग-अलग देश हों, कई दशकों से चर्चा में है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में युद्ध विराम, गाज़ा की नाकेबंदी का अंत और बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप को रोकना भी जरूरी है।

पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों पक्षों को आपसी विश्वास के साथ बातचीत के लिए तैयार होना होगा और इंसानियत को राजनीति से ऊपर रखना होगा।

इज़राइल और गाज़ा के बीच संघर्ष सिर्फ जमीन का मसला नहीं, बल्कि एक लंबे समय से चला आ रहा पहचान और अस्तित्व का सवाल है। इस लड़ाई में सबसे अधिक दुख आम लोगों का है। जब तक दोनों पक्ष बातचीत नहीं करेंगे और बाहरी शक्तियां इस विवाद को शांति की ओर ले जाने में मदद नहीं करेंगी, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।

शांति की उम्मीद तभी जगेगी, जब हम इंसानियत को सबसे ऊपर रखें और युद्ध की आग बुझाने के लिए कदम बढ़ाएं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *