
— मथुरा में हुआ गिरफ़्तारी ड्रामा, नकली नामों से सोशल मीडिया पर रचते थे नौकरियों के जाल
मथुरा/आगरा:
सरकारी नौकरी की चाहत में लोगों के अरमानों को बेचकर, खुद के ख्वाब पूरे कर रहे थे कुछ ‘डिजिटल ठग’। मथुरा पुलिस ने शनिवार को ऐसे ही एक 55 वर्षीय महाठग अमीन ख़ान को गिरफ्तार किया है, जो खुद को UPSC एक्सपर्ट बताकर लोगों से मोटी रकम ऐंठ रहा था।
कोतवाली पुलिस ने अमीन को धर दबोचा और उसके पास से ₹13.95 लाख कैश और पूरे 19 सोने के सिक्के बरामद किए हैं। अरे जनाब, ये तो वो ‘घरेलू निवेशक’ निकले जो लोगों के खून-पसीने की कमाई को अपने लॉकर में बदलते रहे — और वो भी ‘सरकारी अफसर’ बनाने के नाम पर!
फ़ेसबुक बना भर्ती मंत्रालय!
पुलिस के मुताबिक, अमीन ख़ान किसी अकेले खिलाड़ी का नाम नहीं है। ये पूरा ‘ठग मंडल’ फेसबुक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय था। फर्जी नाम, नकली प्रोफाइल पिक, और मीठी-मीठी बातें — लोग सोचें कि ये UPSC वाले पर्सनल में कॉल करते हैं, लेकिन ये निकले ‘भर्ती बाज़ार’ के ठेकेदार।
इस गिरोह ने फरवरी में हरियाणा की एक महिला को शिकार बनाया। बेटी को UPSC अफसर बनाने का सपना दिखाकर उससे पूरे ₹27 लाख और 19 सोने के सिक्के वसूल लिए। मतलब अफसर बनाने से पहले ही वसूली का बजट बन गया!
बाप-बेटे की ठगी कंपनी
इस गिरोह का असली मास्टरमाइंड कोई संदीप निकला, लेकिन असल नाम था ‘मुनफेद’ — जिसे पहले ही वाराणसी पुलिस ने धर लिया था। पूछताछ में मुनफेद ने कबूल किया कि उसने जो रकम ठगी थी, वह अपने अब्बा हुज़ूर को सौंप दी थी — और अब्बा भी कोई आम बाप नहीं, खुद ठगी के फाइनेंशियल एडवाइज़र!
बस फिर क्या था, पुलिस पहुंच गई अब्बा अमीन खान तक और गिरफ्तार कर लिया। देवसेरस-डींग रोड पर धर दबोचा गया जहां वो शायद अगली ठगी के लिए ‘लॉजिस्टिक प्लानिंग’ कर रहे थे।
कानूनी तमाचे और जेल की चाय
अमीन ख़ान पर BNS की धारा 316(2) (विश्वासघात) और 318(4) (धोखाधड़ी) के तहत केस दर्ज किया गया है। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया — अब नौकरी का झांसा देने वाला खुद बेरोज़गार होकर सलाखों के पीछे पहुंच गया।
एसपी (क्राइम) अवनीश कुमार मिश्रा का कहना है, “यह एक संगठित गिरोह था जो सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर लोगों को ठगता था। मथुरा निवासी एक पीड़ित ने भी बड़ी रकम दी थी। जांच में ₹27 लाख और 19 सोने के सिक्के बरामद हुए हैं।”