
लंदन की पॉश पोलो ग्राउंड… घोड़े की तेज़ रफ्तार… दर्शकों की निगाहें मैदान पर… और तभी ज़िंदगी थम गई।
करिश्मा कपूर के पूर्व पति और उद्योगपति संजय कपूर का 53 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। लेकिन ये कोई आम हार्ट अटैक नहीं था — यह एक विचित्र, अविश्वसनीय और त्रासदीपूर्ण घटनाक्रम था।
बताया जा रहा है कि संजय कपूर एक पोलो मैच में भाग ले रहे थे। मैदान में घोड़े की पीठ पर सवार, जोश से भरपूर — तभी एक मधुमक्खी उड़ती हुई आई और सीधे उनके मुंह में घुस गई। यह अचानक हुई घटना दिल पर ऐसा असर छोड़ गई कि कुछ ही पलों में उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
डॉक्टरों की टीम ने मैदान पर तुरंत हस्तक्षेप किया, लेकिन संजय कपूर को ज़िंदगी की इस रेस में दोबारा खड़ा नहीं किया जा सका।
एक रईस की आख़िरी सांसें — जो कैमरों से ज़्यादा घोड़ों से प्यार करता था

संजय कपूर, जिनकी निजी ज़िंदगी अक्सर बॉलीवुड और पेज-थ्री की सुर्खियों में रही — करिश्मा कपूर के साथ उनकी शादी, फिर तलाक — हर मोड़ पर चर्चा में रहे। लेकिन उनके करीबी जानते हैं कि वो कैमरे की चमक से कहीं ज़्यादा पोलो और घुड़सवारी के दीवाने थे।
एक काबिल बिज़नेसमैन, एक शानदार घुड़सवार और एक शानदार एलीट सोशल सर्कल का हिस्सा — संजय कपूर की ज़िंदगी अपने आप में रॉयल्टी की मिसाल थी।
दिल्ली-मुंबई की हाई सोसाइटी और लंदन के क्लब्स में शोक की लहर
उनकी मौत की ख़बर जैसे ही सामने आई, भारत की एलीट क्लास में शोक की लहर दौड़ गई। वो सिर्फ़ एक उद्योगपति नहीं, भारत की उस चमकदार दुनिया का चेहरा थे, जो बॉटल्स से भरे टेबलों और घोड़ों की सवारी में अपने वजूद को पाती है।
“जिनके लिए ज़िंदगी एक पोलो मैच थी, वो आख़िरी राइड में ज़िंदगी से मात खा बैठे।”
संजय कपूर चले गए — लेकिन जाते-जाते वो बता गए कि कभी-कभी एक मधुमक्खी भी उस किले को गिरा देती है, जो बड़े-बड़े तूफ़ानों में अडिग रहता है।