
नई दिल्ली। एसएससी परीक्षा में धांधली और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन के बीच शनिवार को मशहूर शिक्षिका नीतू मैम ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई।
राजधानी में चल रहे SSC (स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) प्रोटेस्ट के दौरान नीतू मैडम ने सरकार को सीधे निशाने पर लिया। छात्रों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने शिक्षा व्यवस्था और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े किए।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नीतू मैम ने कहा कि सरकार शिक्षा व्यवस्था को सही दिशा देने के बजाय उसे राजनीति का हथियार बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि छात्रों को भ्रमित करने और वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए पाठ्यक्रम में लगातार छेड़छाड़ की जा रही है।
उन्होंने कहा, “पूरे देश में केवल राजनीतिक हित साधने के लिए पाठ्यक्रम से महत्वपूर्ण हिस्सों को हटा दिया गया। केमिस्ट्री से पीरियॉडिक टेबल गायब कर दी गई और हिस्ट्री से पूरा मुगल काल खत्म कर दिया गया। यह शिक्षा नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।”
नीतू मैम ने साफ कहा कि देश के युवाओं को केवल हिंदू-मुस्लिम बहस की नहीं, बल्कि रोजगारपरक शिक्षा की ज़रूरत है। उनका कहना था कि शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जो छात्रों को कौशल और नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “ग्रेजुएशन के बाद युवा पकौड़े तलने के लिए पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। उन्हें पढ़ाई के बाद सम्मानजनक नौकरी और उज्ज्वल भविष्य चाहिए।”
प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने भी सरकार से मांग की कि भर्ती परीक्षाओं में देरी और पारदर्शिता की कमी जैसी समस्याओं को दूर किया जाए। उनका कहना था कि शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से काम न होने के कारण युवाओं में आक्रोश बढ़ रहा है।
नीतू मैम के बयान के बाद यह बहस एक बार फिर तेज हो गई है कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली युवाओं को रोजगार दिलाने में कितनी कारगर है और क्या राजनीतिक हस्तक्षेप से छात्रों का भविष्य दांव पर लग रहा है।