December 6, 2025
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य प्रशासन में ताजगी एवं जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से 16 वरिष्ठ IAS अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इनमें से अधिकांश को महत्वपूर्ण पदों पर लगाया गया है, जिसमें मंडलायुक्त, सचिवालय के प्रमुख और विभागीय प्रमुख शामिल हैं।


सूची: किसे क्या मिला नया पद

नीचे उन IAS अधिकारियों की सूची है जिनके तबादले हुए हैं और नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं:

नामनया पद / जिम्मेदारी
विजय विश्वास पंतलखनऊ मंडलायुक्त नियुक्त
रोशन जैकबसचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग
कंचन वर्माराजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव नियुक्त
मोनिका रानीमहानिदेशक, स्कूल शिक्षा की जिम्मेदारी
सौम्या अग्रवालप्रयागराज के मंडलायुक्त नियुक्त
अनामिका सिंहबरेली की मंडलायुक्त नियुक्त
सुहाल एल. वाईखेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव के साथ-साथ अतिरिक्त महानिदेशक युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल का प्रभार
चैत्रा वीमहानिदेशक आयुष विभाग नियुक्त
संजय कुमार खत्रीबुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Bundelkhand Industrial Development Authority) के प्रभारी CEO नियुक्त
बी. चंद्रकलावन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव एवं UP Clean Air Management Project Authority की CEO
रंजन कुमारकेवल आयुष विभाग का प्रमुख सचिव बने; खाद्य सुरक्षा विभाग से हटाए गए
राजेश कुमार-IIपर्यटन विभाग के MD नियुक्त
मनीषा त्रिघातियामहिलाओं की कल्याण, बाल विकास व पोषण विभाग की सचिव बने
किन्नजल सिंहपरिवहन आयुक्त नियुक्त
ब्रजेश नारायण सिंहसामान्य प्रशासन विभाग के सचिव बने
उपार्णा “उ.” (अपरना U)चिकित्सा शिक्षा विभाग की सचिव बनी, साथ ही DG चिकित्सा शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार

  • महिला अधिकारों में मजबूती: इस सूची में 11/16 अधिकारी महिलाएँ हैं, जो यह दिखाती हैं कि राज्य सरकार प्रशासन में लिंग संतुलन स्थापित करने की दिशा में गंभीर है।
  • विभागों का पुनर्वितरण: स्कूल शिक्षा, पर्यावरण, महिला कल्याण, खाद्य सुरक्षा आदि विभागों में नए नेतृत्व की नियुक्तियाँ हुई हैं। यह संकेत हो सकते हैं कि सरकार इन क्षेत्रों को अगले दिनों प्राथमिकता देना चाहती है।
  • अनुभवी नेतृत्व: मंडलायुक्त जैसे पदों पर अनुभवी IAS अधिकारी लगाए गए हैं। उदाहरण स्वरूप विजय विश्वास पंत का लखनऊ मंडलायुक्त बनना दर्शाता है कि राजधानी पर एक भरोसेमंद हाथ चाहिए।
  • कार्यक्षमता एवं जवाबदेही पर जोर: कुछ अधिकारियों को विभागों से हटाया गया है जहाँ संभवतः उनका कामकाज संतोषजनक नहीं माना गया हो। नए अधिकारियों के लिए अपेक्षाएँ बढ़ी हैं।
  • राजनैतिक समयबद्धता: ये बदलाव संभवतः समयबद्ध योजनाओं, विकास परियोजनाओं या आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए किए गए हों।

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