June 17, 2025
A sweeping aerial view of an S-shaped road winding through vibrant green Malaysian forest.

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सड़कों पर जल्द ही सफर और भी सुगम होगा। राज्य सरकार ने 107 राज्यमार्गों को 10 मीटर तक चौड़ा करने की बड़ी योजना पर काम तेज कर दिया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस महत्वाकांक्षी योजना का प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया है, जिसकी कुल लागत 9057 करोड़ रुपये आँकी गई है।

यह फैसला तब सामने आया है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को प्रदेश भर की आवागमन व्यवस्था को दुरुस्त करने और ट्रैफिक दबाव को कम करने के निर्देश दिए थे।

🛣️ किन जिलों में होंगे बड़े बदलाव?

इस प्रस्ताव में प्रदेश के प्रमुख जिलों और मार्गों को प्राथमिकता दी गई है:

  • अयोध्या, सुलतानपुर, आजमगढ़, शाहजहांपुर और हमीरपुर जैसे संवेदनशील और विकासशील क्षेत्रों में मुख्य सड़कों को चौड़ा किया जाएगा।
  • मथुरा, अलीगढ़, कासगंज, अमेठी और अंबेडकर नगर जैसे जनपदों में भी प्रमुख मार्गों का विस्तार होगा।
  • गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलरामपुर, झांसी और औरैया की सड़कें अब पुराने जाल से निकलकर आधुनिक चौड़ाई में ढलेंगी।
  • कन्नौज, लखीमपुर खीरी, भदोही, फतेहपुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, चंदौली और जौनपुर में भी राज्य मार्ग चौड़े किए जाएंगे।
  • आगरा, फिरोजाबाद, बाँदा, सिद्धार्थनगर और गोंडा भी इस सूची में शामिल हैं।
  • देवरिया, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, हरदोई, अमरोहा, संभल और सोनभद्र में सड़क चौड़ीकरण से आवागमन को गति मिलेगी।
  • वहीं सीतापुर, मेरठ, मीरजापुर, मुरादाबाद, कौशांबी और वाराणसी के तीन-तीन राज्य मार्ग विशेष रूप से चयनित किए गए हैं।

🚧 विकास के रास्ते पर यूपी

यह योजना न केवल प्रदेश की आर्थिक रफ्तार को गति देगी, बल्कि औद्योगिक संपर्क, पर्यटन, और ग्रामीण कनेक्टिविटी को भी मजबूती देगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे प्रदेश के लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूती मिलेगी और राज्य राजमार्गों पर ट्रैफिक दबाव में कमी आएगी।

PWD अधिकारियों के अनुसार, “इस परियोजना में ज़्यादातर मार्गों को दो लेन से बढ़ाकर चार लेन तक करने की दिशा में काम होगा, जिससे दुर्घटनाओं में भी कमी आने की संभावना है।”


📌 निष्कर्ष:

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम दिखाता है कि राज्य अब ‘गढ्ढा मुक्त’ सड़क योजना से आगे बढ़कर ‘आधुनिक राज्यमार्ग नेटवर्क’ की दिशा में कदम बढ़ा चुका है।

अगर शासन से मंजूरी मिलती है तो यह परियोजना आने वाले कुछ वर्षों में यूपी के ट्रैफिक इंफ्रास्ट्रक्चर का चेहरा बदलने वाली साबित हो सकती है।

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