
पुणे के बाणेर क्षेत्र में साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक चंद्रशेखर सावंत ने शनिवार को एक सामुदायिक संवाद कार्यक्रम में खुलासा किया कि बाणेर पुलिस स्टेशन में पिछले एक महीने से भी कम समय में 20 से अधिक साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पारंपरिक आपराधिक घटनाओं में गिरावट ज़रूर आई है, लेकिन साइबर ठगी ने एक गंभीर खतरे का रूप ले लिया है। सावंत ने कहा,
“पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में हर दिन औसतन ₹2.5 करोड़ की साइबर ठगी हो रही है। यह सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों तक सीमित नहीं है—युवा, बुज़ुर्ग, महिलाएं, पुरुष—सभी इसके शिकार बन रहे हैं।”
उन्होंने साइबर जॉब फ्रॉड, लोन फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे मामलों का ज़िक्र करते हुए कहा कि आमजन को डर और लालच से सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि यही दो मनोवैज्ञानिक कारक अपराधियों के लिए सबसे आसान शिकार तय करते हैं।
सावधान रहें, सतर्क रहें:
“डरें नहीं—जैसे ही कोई संदेहास्पद कॉल या मेसेज आए, तुरंत 112 या 1930 (साइबर हेल्पलाइन) पर कॉल करें, या अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन जाएं। याद रखें, आसान पैसा मुसीबत की सबसे बड़ी वजह बनता है।”
यह कार्यक्रम बालेवाड़ी वेलफेयर फेडरेशन और पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। इसमें क्षेत्रीय कानून व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा पर जागरूकता बढ़ाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने संवाद किया।
शराब और शोर पर भी चिंता
कार्यक्रम में जब नागरिकों ने सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने और देर रात तेज़ संगीत बजाने की शिकायतें उठाईं, तो सावंत ने कहा कि
“हमारे आठ पुलिसकर्मी 24/7 गश्त पर रहते हैं। ऐसी घटनाएं होते ही 112 पर कॉल करें। प्रतिक्रिया समय 5 से 8 मिनट के भीतर होता है।”
उन्होंने फेडरेशन से उन संवेदनशील स्थानों की सूची साझा करने का भी आग्रह किया जहां स्ट्रीटलाइट्स नहीं हैं या नशाखोरी की घटनाएं अधिक होती हैं।
हर महीने होगी सामुदायिक बैठक
सावंत ने ऐलान किया कि हर महीने एक बार सामुदायिक बैठक आयोजित की जाएगी ताकि नागरिकों को न सिर्फ नवीनतम साइबर ठगी के तरीकों की जानकारी दी जा सके, बल्कि पुलिस और जनता के बीच संपर्क भी मजबूत हो।
सुरक्षा को लेकर अहम सुझाव
पारंपरिक अपराधों पर बोलते हुए सावंत ने हाउसिंग सोसाइटियों को पुलिस वेरिफिकेशन, CCTV निगरानी, और घर के भीतर नकदी व गहनों को सुरक्षित रखने की सलाह दी।
“चोरी के अधिकतर मामले तब सामने आते हैं जब घर में ताला दिखता है। मैं लोगों को सलाह देता हूं कि वे ऐसे दरवाज़ों पर अदृश्य ताले लगाएं, जिससे कोई आसानी से अंदाज़ा न लगा सके कि घर खाली है या नहीं।”
साइबर क्राइम की रोकथाम ही सबसे बड़ा हथियार
बहु-देशीय नेटवर्क और VPN जैसे तकनीकी हथकंडों की वजह से साइबर अपराधियों तक पहुंचना मुश्किल है। सावंत ने कहा,
“रोकथाम ही सबसे प्रभावी तरीका है। जागरूकता ही बचाव है।”