
UPI Transactions Charges : यूपीआई (UPI -Unified Payments Interface) से लेन-देन करने वालों के लिए राहत भरी खबर है। सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा था कि सरकार बड़े अमाउंट के UPI ट्रांजैक्शन पर MDR (Merchant Discount Rate ) चार्ज लगाएगी। लेकिन वित्त मंत्रालय ने इन सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने एक सख्त बयान में कहा है कि, “UPI लेन-देन पर MDR लगाने की बातें पूरी तरह से झूठी, बेबुनियाद और भ्रामक हैं। ऐसी खबरें न सिर्फ जनता में डर और भ्रम फैलाती हैं, बल्कि बेवजह का असमंजस भी खड़ा करती हैं।”
क्या है MDR विवाद?
बुधवार सुबह कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि सरकार बड़े अमाउंट के UPI पेमेंट्स पर MDR चार्ज लगाने की योजना बना रही है। इस खबर के फैलते ही सोशल मीडिया पर लोगों में चिंता देखने को मिली। लेकिन अब सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि UPI ट्रांजैक्शन पर किसी तरह का चार्ज नहीं लगेगा।
मई में UPI ने फिर बनाया रिकॉर्ड
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, मई 2025 में UPI के जरिए 18.68 बिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस हुए, जो कि अप्रैल के मुकाबले ज्यादा हैं। अप्रैल में यह संख्या 17.89 बिलियन थी, जबकि मार्च में 18.30 बिलियन थी।
क्यों हुई थीं UPI सेवाओं में दिक्कतें?
पिछले कुछ महीनों में UPI सिस्टम में रुकावटें (outages) देखी गईं। सबसे बड़ी रुकावट 12 अप्रैल को आई थी जब लाखों यूजर्स पेमेंट करने में असफल रहे। NPCI ने बताया कि कुछ बैंकों द्वारा “Check Transaction” API का ज्यादा इस्तेमाल किए जाने से सिस्टम पर ज़्यादा लोड आ गया और कुछ घंटों तक ट्रांजैक्शन की सफलता दर कम हो गई थी।
कौन-कौन से ऐप्स हैं टॉप पर?
- अप्रैल तक, PhonePe और Google Pay UPI मार्केट में 80% से अधिक हिस्सेदारी रखते हैं।
- नए खिलाड़ी जैसे Super.Money, Navi, BHIM और CRED भी कैशबैक और ऑफर्स के ज़रिए धीरे-धीरे मार्केट में अपनी पकड़ बना रहे हैं।
- मई के ऐप-वाइज़ ट्रांजैक्शन डेटा की घोषणा अभी NPCI द्वारा नहीं की गई है।
सरकार से क्या मांग रही है पेमेंट इंडस्ट्री?
मार्च में Payments Council of India ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर UPI और रुपे डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर MDR दोबारा लागू करने की सिफारिश की थी। उन्होंने बड़े व्यापारियों पर 0.3% MDR और सभी व्यापारियों पर मामूली MDR लागू करने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, फिलहाल सरकार ने यह मांग नहीं मानी है।
UPI को बढ़ावा देने के लिए सरकार का समर्थन
डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में ₹1,500 करोड़ की इंसेंटिव स्कीम को आगे बढ़ाया है। इसका मकसद छोटे-मोटे डिजिटल ट्रांजैक्शन की लागत को कवर करना है, ताकि व्यापारियों को कोई नुकसान न हो। हालांकि, फिनटेक कंपनियों का कहना है कि इतनी रकम UPI के स्केल को देखते हुए नाकाफी है।
विदेशी धरती पर भी चमक रहा है UPI
UPI की लोकप्रियता अब भारत से बाहर भी फैल रही है। आज सिंगापुर, UAE, मॉरीशस, श्रीलंका, फ्रांस, भूटान और नेपाल जैसे देशों में भी UPI की शुरुआत हो चुकी है।