
लखनऊ: रेलवे प्लेटफॉर्म पर शनिवार की सुबह एकदम फिल्मी स्टाइल में एनसीबी और रेलवे पुलिस (RPF) की टीम ने जॉइंट ऑपरेशन में दो तस्करों को धर दबोचा। खास बात ये कि ये तस्कर कोई गैंगस्टर या पेशेवर स्मगलर नहीं, बल्कि पति-पत्नी निकले—जो बिहार से राजधानी लखनऊ ‘गांजा डिलीवरी’ पर निकले थे।
सूत्रों से मिली पक्की सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर अजमेर सिंह यादव और सब-इंस्पेक्टर पंकज कुमार की अगुवाई वाली टीम ने 12536 गरीब रथ एक्सप्रेस से उतरे दो संदिग्धों को सुबह करीब 7 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर घेर लिया। तलाशी में जो निकला, वो पुलिस टीम की उम्मीद से भी ज्यादा था—30 किलो गांजा, जिसे बड़े प्यार से एक-एक किलो के 30 पैकेट्स में पैक कर बैग में सजाया गया था।
गिरफ्तार किए गए आरोपी—सुखल बैठा (65) और उनकी पत्नी लीलावती देवी (55), बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के मूसहरी गांव के रहने वाले हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये माल बेचने के इरादे से लखनऊ लाया गया था और इसकी कुल कीमत करीब 30 लाख रुपये आंकी जा रही है।
अब इन पर NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज हो चुका है। और इस बार ‘गरीब रथ’ का टिकट उन्हें सीधे जेल यात्रा पर ले जाएगा। सोचिए, जब दादी-नाना जैसे दिखने वाले लोग भी गांजे की खेप लेकर घूमेंगे, तो अगली बार रेलवे स्टेशन पर बुजुर्गों की भी एक्स-रे स्कैनिंग जरूरी हो जाएगी!
(कानून को ठेंगा दिखाकर चल रही ये ‘घरेलू तस्करी यूनिट’ अब हवालात की हवा खाएगी, और बाकी तस्कर भी शायद अगली बार कोई नया पारिवारिक फार्मूला तलाशेंगे।)/